देहरादून:उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार 19 अगस्त 2025 को एक अहम फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार और मुख्य वन संरक्षक को बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने साफ कहा है कि वनवासी समुदायों, खासकर वैन गुज्जर और अन्य आदिवासी समूहों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं की विस्तृत योजना 7 दिनों के भीतर यानी 26 अगस्त तक पेश की जाए।
क्या कहा कोर्ट ने?
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएँ हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार हैं। यह हक वनवासी समुदायों को भी उसी तरह मिलना चाहिए जैसे बाकी नागरिकों को। बिना ठोस योजना के आगे कोई कदम न बढ़ाने का निर्देश भी कोर्ट ने सरकार को दिया।
वनवासियों की समस्या
अब तक न स्कूल, न अस्पताल, न ही स्वास्थ्य केंद्र।
वन अधिकार कानून 2006 (Forest Rights Act) का सही से पालन नहीं हुआ।
ज़मीन और वन अधिकारों को लेकर लगातार असमंजस की स्थिति बनी रही।
सरकार का जवाब
राज्य सरकार ने कोर्ट को आश्वासन दिया है कि 26 अगस्त तक विस्तृत नीति और बजट का खाका अदालत में पेश किया जाएगा। अगर तय समय पर यह योजना नहीं दी गई, तो हाईकोर्ट आगे सख्त कदम उठा सकता है।
वनवासी समुदाय की उम्मीद
फैसले के बाद वनवासी समुदाय में राहत और उम्मीद की लहर है। उनका कहना है कि अगर सरकार सच में इस आदेश को लागू करती है, तो दशकों पुरानी समस्याओं से उन्हें निजात मिल सकती है।