रिपोर्ट : शिवानी सोलंकी
मेरठ का सौरभ हत्याकांड तो आप सभी को याद ही होगा, जिसमें मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर अपने पति सौरभ की निर्मम हत्या करने के बाद, उसकी लाश के टुकड़े करके नीले ड्रम में भर दिए थे। अब ये नीला ड्रम फिर से चर्चा में है– और चर्चा की वजह भी वही है जो आप सोच रहे है।
राजस्थान के अलवर जिले के खैरथल–तिजारा क्षेत्र से एक ऐसा दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने सभी के होश उड़ा दिए है। दअरसल रविवार की शाम को किशनगढ़बास कस्बे की आदर्श कॉलोनी में उस वक्त दहशत फैल गई जब वहां पुलिस को एक मकान की छत पर नीला प्लास्टिक का ड्रम मिला। जब ड्रम खोला गया, तो उसके अंदर मिला 35 साल के हंसराम का शव। हंसराम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का रहने वाला था और पिछले छह महीने से अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ आदर्श कॉलोनी में किराए पर रह रहा था। हंसराम एक किराना दुकान पर काम किया करता था। बताया जा रहा है कि शव को छुपाने के लिए उस पर नमक डाला गया, ताकि उसकी गंध बाहर न फैले। लेकिन शनिवार की रात को जब मकान की मालकिन मिथलेश ने घर का दरवाजा खुला देखा और जब उसने घर के अंदर प्रवेश किया तो घर में एक अजीब सी दुर्गंध आ रहा थी। जिसके बाद पता चला कि दुर्गंध, छत पर रखे ड्रम से आ रही थी। शक होने पर मालकिन ने तुरंत पुलिस को इस बात की सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और फिर खुला इस खौफनाक सच का राज़। शव को जब ड्रम से बाहर निकाला गया तो पता चला कि हंसराम की गला रेतकर हत्या की गई और फिर उसकी लाश के ऊपर नमक डालकर ड्रम को बंद कर दिया गया ताकि लाश के सड़ने पर निकलने वाली गंध किसी तरह बाहर न निकले और शव को लंबे समय के लिए छुपाया जा सके। आपको बता दें कि घटना के बाद से ही हंसराम की पत्नी लक्ष्मी, उनके तीन बच्चे और मकान मालिक का बेटा जीतेंद्र कुमार गायब थे। जिसके बाद पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद सुनीता और उसके कथित प्रेमी जितेंद्र कुमार को हंसराम की हत्या के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया
मृतक यूपी का रहने वाला
पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के निवासी हंसराज उर्फ सूरज के रूप में हुई है. करीब डेढ़ महीने पहले सूरज अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ किराए पर यहां रहने आया था. यहां वो पास के ईंट-भट्टे पर मजदूरी करता था. शनिवार से ही उसकी पत्नी, तीन बच्चे और मकान मालिक का बेटा जितेंद्र लापता है.
लक्ष्मी और जितेंद्र ने कबूली वारदात
मामले में पुलिस ने मृतक हंसराम की पत्नी लक्ष्मी (31) और उसके प्रेमी जितेंद्र शर्मा (36) को अलवर जिले के रामगढ़ क्षेत्र के अलावड़ा गांव के एक ईंट भट्टे से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि उन्हें किशनगढ़ बास लाया गया और पूछताछ के बाद उन्होंने अपना अपराध कबूल कर लिया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि विवाहित दंपति के तीन बच्चे भी सुरक्षित मिल गए हैं।
15 अगस्त की शाम तीनो की शराब पार्टी
पुलिस ने जब मकान मालकिन मिथलेश से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि डेढ़ महीने पहले उनका बेटा जितेंद्र..हंसराम के परिवार को उनके यहां किराए के लिए लेकर आया था। पुलिस की पूछताछ में ये भी पता चला कि हंसराम को शराब की लत थी और वह अकसर जितेंद्र के साथ शराब पिया करता था। इसी के साथ एक और गौर फरमाने वाली बात है कि जितेंद्र ने अपने घरवालों को हंसराम और उसकी पत्नी का नाम गलत बताया था। उसने हंसराम का नाम सूरज और पत्नी लक्ष्मी का नाम सुनीता बताया था। तो घरवालों को उनके नाम सूरज और सुनीता ही पता थे। मामले की जांच के दौरान पुलिस को हंसराम का आधार कार्ड बरामद हुआ, जिसके बाद मामले की हकीकत सामने आई।
रील बनाने के कारण भी था विवाद
किशनगढ़ बास आने के बाद उन्होंने वीडियो (रील) भी बनाना शुरू कर दिया। जिसके कारण परिवार में अक्सर बहस होती रहती थी। गौतम ने बताया कि उन्होंने आखिरी बार हंसराम से 9 अगस्त को बात की थी। उस समय हंसराम ने बताया था कि वह खैरथल में काम करना जारी रखेंगे।
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि हंसराम और जितेंद्र खैरथल-तिजारा से करीब 35 किलोमीटर दूर भिंडूसी गांव में एक ईंट-भट्टे पर काम करते थे। दोनों अक्सर साथ खाते-पीते थे। कभी-कभी शराब भी पीते थे। वहीं से जितेंद्र और हंसराम की पत्नी लक्ष्मी करीब आ गए
सवाल उठता है कि..
आखिर नीले ड्रम में शव छुपाने की ये वारदातें कहीं इंसानियत की नई क्रूर तस्वीर तो नहीं बन रही? क्या यही है इंसानियत का वर्तमान चेहरा जिसमें रिश्तों, हमदर्दी और विश्वास का कोई मोल नहीं हैं। फिलहाल पुलिस इस मामले में सुनीता और जितेंद्र से पूछताछ कर रही है और मामले में लगातार सुराग तलाशे जा रहे है। लेकिन इस पूरी घटना ने सिर्फ अलवर ही नहीं, पूरे देश में सनसनी फैला दी है। अब देखना होगा कि आगे की जांच में क्या पता चलता है और इस घटना में और क्या नए खौफनाक खुलासे होते हैं।